Re: इधर-उधर से
पशु प्रेम की कीमत कितनी?
(27 जुलाई 2014 की अखबारी रिपोर्ट पर आधारित)
यह पश्चिम बंगाल के हावड़ा जिले की बात है. वहां पर एक व्यक्ति को अपनी शराफत और कुत्तों के प्रति अपने प्यार की कीमत अपनी जान दे कर चुकानी पड़ी. वह कुत्तों से इतना प्यार करता था कि वे उसके पड़ौस व पड़ौसियों के लिए खतरा बन गए थे. इस 50 वर्षीय कुत्ता-प्रेमी सज्जन का नाम था बानेश्वर शान. इनके पड़ौस में ही शम्भुनाथ बाग नामक व्यक्ति रहते थे. शान का कसूर इतना ही था कि अपने घर के आसपास घूमते आवारा कुत्तों को खाने के लिए रोटी पानी देता रहता था और उनकी देखभाल भी करता था. इस सब से पड़ौसियों को परेशानी हो रही थी. उन्होंने उसे इस सब से बाज आने का मशविरा भी दिया लेकिन बानेश्वर शान अपना रवैया बदलने के लिए तैयार नहीं था. एक दिन क्रोध में आ कर शम्भुनाथ ने बानेश्वर का खून कर दिया. इसके बाद स्थानीय लोगों ने इस खून के खिलाफ़ ज़ोरदार प्रदर्शन किया. अपने पशु प्रेम के लिए बानेश्वर को अपनी जान देनी पड़ी. मेरा प्रश्न है कि क्या बेज़ुबान पशुओं से मुहब्बत करने की कीमत बानेश्वर जैसे सीधे साधे व्यक्तियों को हमेशा अपनी ज़िन्दगी दे कर चुकानी पड़ेगी ??
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
Last edited by rajnish manga; 09-11-2014 at 05:47 PM.
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