लखनऊ| मां, कितना मीठा, कितना अपना, कितना गहरा और कितना खूबसूरत शब्द है। समूची पृथ्वी पर बस यही एक पावन रिश्ता है जिसमें कोई कपट नहीं होता। कोई प्रदूषण नहीं होता। इस एक रिश्ते में निहित है छलछलाता ममता का सागर। शीतल और सुगंधित बयार का कोमल अहसास। इस रिश्*ते की गुदगुदाती गोद में ऐसी अव्यक्त अनुभूति छुपी है जैसे हरी, ठंडी व कोमल दूब की बगिया में सोए हों। अब चाहे वह मनुष्य हो या फिर कोई जानवर |
इस तस्वीर को देखकर आप कुछ चक्कर में जरूर पड़ गए होंगे कि आखिर यह माजरा क्या है। आपको बता दें कि इस कुतिया का गाय के बछड़े से कोई तालमेल नहीं है फिर भी यह गाय के बछड़े को दूध पिला रही है|
दरअसल हुआ यूँ कि उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से सटे मोहनलाल गंज क्षेत्र में एक गाय ने एक बछड़े को जन्म दिया था, जन्म देने के कुछ ही घंटों बाद गाय ने दम तोड़ दिया| उधर इस कुतिया ने कई पिल्लों को जन्म दिया था, पता नहीं भगवान् कि क्या मर्जी थी तो इस कुतिया के एक भी बच्चे नहीं बचे| अब इसे माँ की ममता कहें या फिर कुछ और इस कुतिया ने अपने बच्चों की तरह इस बछड़े को दूध पिला रही है|