Re: मां
देवी मैया का आदेश
जो भक्त अपने माता-पिता को दाने दाने को तरसाते हैं
और मेरे दरबार में आकर पूरे आडम्बर के साथ चढ़ावा चढ़ाते हैं!
ऐसे भक्त कान खोल कर सुन ले उनका चढ़ावा केवल और केवल ढोंगी पाखंडियों
की तोंद बढ़ाने के काम आता है!
मुझे उनके चढ़ावे से कोई लेना देना नहीं।
अगर पुण्य ही कमाना है तो अपने माता पिता की सुध ले!
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मेरी चित्रशाला : दिल दोस्ती प्यार ....या ... .
तुमने मजबूर किया हम मजबूर हो गये ,...
तुम बेवफा निकले हम मशहूर हो गये ..
एक " तुम " और एक मोहब्बत तेरी,
बस इन दो लफ़्ज़ों में " दुनिया " मेरी..
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