17-12-2014, 05:56 PM
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#23
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Re: अलवर (राजस्थान) पर्यटन
भरथरी (भर्तहरी) गुफा तथा समाधि मंदिर
दूसरी कहानी- एक बार राजा भृतहरि अपनी रानी पिंगला के साथ जंगल में शिकार करने गये थे। जब इन्हे कोई शिकार नहीं मिला तो यह वापिस आ रहे थे कि इन्हे हिरणों का एक झुण्ड दिखायी दिया। राजा ने झुन्ड में सबसे आगे चल रहे हिरण को मार डाला। मरने से पहले हिरन ने राजा को कहा, राजन यह तुमने अच्छा नहीं किया। यदि तुमने मेरे सींग श्रृंगी बाबा को, नेत्र चंचल नारी को, खाल साधु संतों को, पैर चोरों को और मेरे शरीर की मिट्टी पापी राजा में बाँट दो तो मेरी आत्मा को शांति मिले। अब राजा परेशान हो गया कि करे तो क्या करे? हिरण को लादकर राजा लौटने लगा तो उसे गुरु गोरखनाथ मिल गये। राजा बोला गुरुदेव आप इस हिरण को दुबारा जीवित कर दे। गोरखनाथ बोले, यदि मैं इसे जीवित कर दू तो तुम्हे मेरा शिष्य बनना पडेगा। राजा के पास गुरु की बात मानने के अलावा कोई मार्ग नहीं बचा था। इस तरह राजा भृतहरि गोरखनाथ का शिष्य बना।
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
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