अमरुद
अमरुद का लेटिन नाम सीडीयम गुयायावा है। कोई-कोई इसे जामफ; भी कहते हैं। अमरुद खाने से मानसिक चिन्ताएँ भी दूर होती है। कफ युक्त खांसी हो तो एक अमरुद को आग में भून कर खाने से लाभ होता है। अमरुद के पत्तों को चबाने से दाँतों की पीड़ा दूर होती है। अमरुद खाने से आँतों में तरावट आती है और कब्ज़ दूर होती है। इसे रोटी खाने से पहले खाना चाहिये। कब्ज़ वालों को नाश्ते में अमरुद लेना चाहिये। इसे सेंधे नमक के साथ खाने से पाचन-शक्ति बढ़ती है।
- अमरुद में विटामिन सी और शर्करा काफ़ी मात्रा में होती है।
- अमरुद में पेक्टिन की मात्रा भी बहुत अधिक होती है।
- अमरुद को इसके बीजों के साथ खाना अत्यंत उपयोगी होता है। जिसके कारण पेट साफ रहता है।
- अमरुद को चटनियां, जेली, मुरब्बा और फल से पनीर बनाने के काम में लिया जाता है।
अमरुद से होने वाले नुकसान
- शीत प्रकृति वालों को और जिनका आमाशय कमज़ोर हो, उनके लिए अमरुद हानिकारक होता है।
- वर्षा ऋतु में उत्पन्न अमरुद के अंदर सूक्ष्म धागे जैसे सफ़ेद कृमि पैदा होने से खाने वाले व्यक्ति को पेट दर्द, अफारा, हैजा जैसे विकार हो सकते हैं।
- अमरुद के बीज सख्त होने के कारण आसानी से नहीं पचते और यदि ये एपेन्डिक्स में चले जाऐ, तो एपेन्डिसाइटिस रोग पैदा कर सकते हैं। अतः इनके बीजों के सेवन से बचना चाहिए।