Quote:
Originally Posted by rajnish manga
धन्यवाद, दीप जी. आपने बड़े रोचक ढंग से टीवी दर्शक की बेचारगी बयान कर दी है. अपनी प्रतिक्रिया के दूसरे भाग में भी आपने इस स्थिति का संतुलित विश्लेषण प्रस्तुत किया है.
|
क्षमा चाहूंगा रजनीश जी, मै थोडा ओवर रीएक्ट कर बैठा ! दरअसल मै भी ईन विज्ञापनों से परेशान हो गया था । मुझे मुश्किल से खाने के समय में टीवी देखने को मिलता है और उस दौरान न्यूझ चैनल पर सिर्फ विज्ञापन चल रहें होते है !