Re: ** विशेष **
अनुपमा बताती हैँ कि अगर इस संधि का अनुमोदन हो जाए तब भी ज्यादा फर्क नहीँ पडेगा
क्योँ कि विदेशी बैँको मेँ जमा अरबोँ डाँलर की राशी वापस भारत लाने के लिए राजनितिक इच्छाशक्ति की जरुरत होगी जो वर्तमान मेँ किसी भी दल मेँ नहीँ आती हैँ
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दोस्ती करना तो ऐसे करना
जैसे इबादत करना
वर्ना बेकार हैँ रिश्तोँ का तिजारत करना
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