View Single Post
Old 17-09-2014, 10:37 PM   #114
rajnish manga
Super Moderator
 
rajnish manga's Avatar
 
Join Date: Aug 2012
Location: Faridabad, Haryana, India
Posts: 13,293
Rep Power: 241
rajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond repute
Default Re: एक लम्बी प्रेम कहानी

गांव में कई तरह के लोग है जिसमें से कुछ अति सीधा, जिसे गांव की भाषा में लोग गौ-महादेव कहते तो कई धुर्त-सियार। थाना कचहरी आने जाने वालों की काफी कद्र और लोगों में उसका भय भी। गौ-महादेव की श्रेणी मे मेरे फूफा आते थे और धुर्त-सियार में गोयनका सिंह। गोयनका सिंह की पुलिस और हकीम से जान पहचान थी और किसी प्रकार का मुकदमा अथवा बैंक से ऋण बगैरह की बात हो तो लोग उसी के पास जाते। गोयनका, रीना का चचेरा भाई। अहले सुबह फूफा को गोयनका सिंह का बोलहटा आ गया। गोयनका बोला रहलखुन हें। फूआ के कान खड़े हो गए। फूआ कड़क मिजाज थी सो किसी तरह की धुर्तई करने वाले लोग उससे दूर ही रहते थे। खैर फूफा गए तो वहां उनके चचेरे भाई भी मौजूद थे। शराब का दौर चल रहा था। दोनो ने इनको बैठाया और फिर एक धुर्तई की कहानी सुनाई।

‘‘सुनलहो सुराज दा, इ साला चौकीदरबा बड़ी बाबा बनो हो, साला पर मुकदमा कर देलिओ हो, तोरा गबाह बना देलिओ हें, साथ देना है।’’गोयनाका ने कहा।

‘‘तब, पहले पुछबो नै कइलहो, हमरा तो पुलिस से बड़ी डर लगो हो।’’

‘‘इ मे डरे के की बात है, हम सब हिए ने।’’ यह आश्वासन उनके भाई ने दिया था। अपने भाई की वे बहुत कद्र करते थे, सो ज्यादा विरोध न कर सके। बास्तव में पुलिस से वे भारी डरते थे और गांव में कहीं पुलिस आ जाए तो वह वहां से खिसक लेते थे।

‘‘अच्छा केसाबा की कलहों हे।’’
>>>
__________________
आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
rajnish manga is offline   Reply With Quote