Re: कुतुबनुमा
सरकार की नीतियों से उद्योग जगत आशावान
सरकार की नीतियों को लेकर भारतीय उद्योग जगत काफी आशावान दिखाई दे रहा है और उसका यह मानना है कि आगामी बजट में आर्थिक वृद्धि को प्रोत्साहन देने के सरकार के प्रस्तावित उपायों से आने वाले महीनों में कारोबारी धारणा सुधरेगी और कुल मिलाकर स्थितियां बेहतर होंगी। भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (फिक्की) को भी आगामी बजट से काफी उम्मीदें हैं। फिक्की ने इस वर्ष की पहली छमाही की अवधि में ज्यादा बिक्री और मुनाफे की संभावना भी जताई है। यह भारत की अर्थव्यवस्था के लिए अच्छे संकेत माने जा सकते हैं। भारतीय उद्योग जगत को नए बजट की प्रतीक्षा है। उसे पूरी उम्मीद है कि इसमें सरकार आर्थिक विकास को गति देने के अपने कदम को और तेजी से आगे ले जाएगी । अगर सरकार आर्थिक सुधारों को लागू करने के अपने प्रयास को तेज करेगी तो उसके अच्छे नतीजे सामने आएंगे। सरकार अपने प्रयासों में कितनी संजीदा है इसका पता इसी बात से लग जाता है कि उसने निवेश के लिए अलग से मंत्रिमंडलीय समिति के गठन भी किया है। उद्योग जगत का मानना है कि इससे पूंजी की कमी के कारण बीच में रुकी परियोजनाएं शुरू की जा सकेंगी तथा नई परियोजनाओ और निवेश का रास्ता खुलेगा। फिक्की और पीएचडी चैंबर द्वारा अलग-अलग कराए गए सर्वेक्षण में ज्यादातर भारतीय कंपनियों ने कहा कि औद्योगिक घरानों के बीच सकारात्मक सोच है और उन्हें कारोबारी स्थितियां बेहतर होने की उम्मीद है। दोनों ही सर्वेक्षण में रिजर्व बैंक के नीतिगत दरों में कमी लाने के हाल के कदम को निवेशक धारणा में सुधार के अनुकूल बताया गया और उम्मीद जताई गई कि इससे निकट भविष्य में निवेश बढ़ेगा। कहा जा सकता है कि बेहतर नीतियों वाला परिवेश उपलब्ध कराने और निवेशकों को भरोसा दिलाने के लिए यह सबसे अच्छा मौका है। सरकार इसमें अभी और प्रयास करेगी।
__________________
दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु
|