30-10-2015, 02:06 PM
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#1153
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Re: अन्ताक्षरी खेले याददास्त बढायें...........
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Originally Posted by rajnish manga
ए दोस्त मेरे सीने की धड़कन तो देखना
वह चीज़ तो नहीं हे मुहब्बत कहें जिसे
(हरिचंद अख्तर)
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सजग लखतीं थी तेरी राह
सुलाकर प्राणों में अवसाद;
पलक प्यालों से पी पी देव!
मधुर आसव सी तेरी याद।
(वरदान - महादेवी वर्मा)
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