Re: कथा-लघुकथा
Quote:
Originally Posted by dr.shree vijay
उपरोक्त चारो कथाओ में हमारी घटिया मानसिकता के सत्य को उजागर किया....
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उपरोक्त कथा में डॉ. हरभजन सिंह ने मानवीय सम्वेदना को बडी सुंदर ता से उजागर किया....
इन ज्ञानवर्धक प्रहसनों को प्रस्तुत करने के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद.........
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आपकी उपरोक्त प्रतिक्रिया हमें बताती है कि आप हर छोटी-बड़ी रचना को मनोयोगपूर्वक पढ़ते है और फिर उस पर अपने विचार प्रगट करते हैं. प्रस्तोता व् पाठक इनसे बहुत लाभान्वित होते हैं. धन्यवाद, डॉ. श्री विजय जी.
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
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