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Originally Posted by munneraja
मैं ऐसे ही एक व्यक्ति की कथा उद्घृत करूँगा जिसे मुंबई पुलिस ने बचाया.
वो बच गया क्योंकि भाग्यशाली था........
इंतजार कीजिये
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यहाँ मैं जगह और नाम का जिक्र नहीं करूँगा
एक व्यक्ति को उसके आईडी पर सन्देश आया कि उसने करोड़ों की लोटरी जीती है
उसने मेल भेजने वालों से सम्पर्क किया और लोटरी का पैसा कैसे प्राप्त होगा ये पूछा तो उसे बताया गया कि बैंक द्वारा कस्टम क्लीयरेंस के इतने रुपये जमा करवाने हैं और इस अकाउंट नम्बर में जमा करवाने हैं.
बंदे की बंद आँखें तब खुली जब उन्होंने तीसरी बार में भी किसी और क्लीयरेंस के नाम से धन और जमा करवाने को कहा....
तब उसे पता चला कि वो ठगा जा रहा है
उसने पुलिस से मदद ली तो वो बैंक अकाउंट मुंबई की ब्रांच का निकला जहां से पुलिस ने खाता धारक का पता निकलवा कर उस खाता धारक को दबोचा और रुपये वसूले गए.
लेकिन ये खाता धारक तो सिर्फ मुख्य अपराधी का दलाल मात्र था, मुख्य अपराधी हर देश में अपने दलाल बनाकर उनके नाम से बैंक खाते खुलवा कर उन में धन जमा करवाते हैं और कमीशन के बदले में कमाई खाते हैं