Re: महाभारत में वर्णित कुछ श्राप
महाभारत में वर्णित कुछ श्राप
उर्वशी द्वारा अर्जुन को श्राप
एक बार अर्जुन दिव्यास्त्र पाने के लिए स्वर्ग लोक गया। वहां पर वह उर्वशी नाम की एक अप्सरा से मिला। उर्वशी अर्जुन को देखकर उस पर मोहित हो गयी। परन्तु अर्जुन उसे अपनी माता के समान देख रहा था। इस बात से उर्वशी क्रोधित हो गयी और क्रोध में उसने अर्जुन को नपुंसक होने का श्राप दे दिया और कहा कि स्त्रियों के बीच तुम्हे नर्तक बन कर रहना पड़ेगा। अर्जुन ने यह बात देवराज इंद्र को बताई। तब इंद्र ने अर्जुन से कहा कि तुम्हे चिंतित होने की आवश्यकता नही है। क्योंकि यह श्राप तुम्हारे वनवास के समय वरदान का काम करेगा और अग्यात्वास के समय तुम नर्तिका के वेश में कौरवों से बचे रहोगे।
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
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