Re: कुतुबनुमा
अपराधों पर लगाम के नायाब सुझाव
बढ़ते अपराधों पर लगाम के लिए हाल ही में दो नायाब सुझाव सामने आए हैं जिस पर अमल हो तो ना केवल अपराध कम होंगे बल्कि अपराधियों के मन में भी खौफ पैदा होगा। एक सुझाव केन्द्रीय गृह सचिव आर.के.सिंह ने दिया है जिसमें उन्होने कहा है कि अगर कोई पुलिसकर्मी शिकायत दर्ज करने से इन्कार करता है, तो उसे तत्काल निलंबित किया जाना चाहिए। इसमें कोई हिचक नहीं होनी चाहिए। शिकायत दर्ज नहीं करना कानून का उल्लंघन है। दरअसल सिंह ने यह सुझाव इसलिए दिया है कि लोगों को थाने में शिकायत दर्ज कराने से लेकर अपनी शिकायत पर हुई कार्रवाई का पता लगाने तक कदम-कदम पर मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। इस व्यवस्था को यदि हम बदल दें तो लोगों को थाने तक जाने में होने वाली हिचकिचाहट दूर हो जाए। ऐसा माहौल होना चाहिए जिसमें महिलाएं एवं कमजोर तबकों के लोग बिना किसी कठिनाई के अपनी शिकायत थाने में दर्ज करा सकें। छेड़छाड़ जैसी घटनाओं की जानकारी पुलिस तक पहुंचाने में आने वाली मुश्किलों के कारण ही कई लोग थाने जाने से हिचकते हैं और अगर पहुंच भी जाते हैं तो रिपोर्ट दर्ज करवाने में उन्हे टालमटोल का सामना करना पड़ता है। इसलिए गृह सचिव का यह सुझाव सटीक है कि जो पुलिसकर्मी शिकायत दर्ज करने से इन्कार करता है तो उसे निलंबित किया जाना चाहिए। ऐसा ही एक अन्य सुझाव पूर्व प्रधान न्यायाधीश एम.एन. वेंकटचलैया ने दिया है और कहा है कि जरूरी नहीं कि अपराध रोकने के लिए अपराधी को कठोर सजा ही हो। होना यह चाहिए कि अपराधी को सजा निश्चित तौर पर हो इसका प्रावधान होना चाहिए तभी अपराधियों में नैतिक भय पैदा होगा। छूट की भावना के कारण छेड़छाड़ करने वाला दुष्कर्म की वारदात तक पहुंच जाता है। सरकार को इन दोनो सुझावों पर गौर करना चाहिए ताकि देश में अपराधों में कमी हो सके।
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दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु
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