Re: कुछ पल जगजीत सिंह के नाम :देवराज के साथ
ना मुहब्बत ना दोस्ती के लिए,
वक़्त रुकता नहीं किसी के लिए,
दिल को अपने सज़ा न दे यूं ही,
सोच ले आज दो घडी के लिए,
हर कोई प्यार ढूढता है यहाँ,
अपनी तन्हा सी ज़िंदगी के लिए,
वक़्त के साथ साथ चलता रहे,
यही बेहतर है आदमी के लिए..
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मेरी चित्रशाला : दिल दोस्ती प्यार ....या ... .
तुमने मजबूर किया हम मजबूर हो गये ,...
तुम बेवफा निकले हम मशहूर हो गये ..
एक " तुम " और एक मोहब्बत तेरी,
बस इन दो लफ़्ज़ों में " दुनिया " मेरी..
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