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Old 08-02-2013, 07:16 PM   #18
jai_bhardwaj
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मक्का मे ग़ैर मुस्लिमों को प्रवेश की अनुमति नहीं

प्रश्नः मक्का और मदीना के पवित्र नगरों में ग़ैर मुस्लिमों को प्रवेश की अनुमति क्यों नहीं है?

उत्तरः यह सच है कि कानूनी तौर पर मक्का और मदीना शरीफ़ के पवित्र नगरों में ग़ैर मुस्लिमों को प्रवेश करने की अनुमति नहीं है। निम्नलिखित तथ्यों द्वारा प्रतिबन्ध के पीछे कारणों और औचित्य का स्पष्टीकरण किया गया है।
समस्त नागरिकों को कन्टोन्मेंट एरिया (सैनिक छावनी) में जाने की अनुमति नहीं होती

मैं भारत का नागरिक हूँ। परन्तु फिर भी मुझे (अपने ही देश के) कुछ वर्जित क्षेत्रों में जाने की अनुमति नहीं है। प्रत्येक देश में कुछ न कुछ ऐसे क्षेत्र अवश्य होते हैं जहाँ सामान्य जनता को जाने की इजाज़त नहीं होती। जैसे सैनिक छावनी या कन्टोन्मेंट एरिया में केवल वही लोग जा सकते हैं जो सेना अथवा प्रतिरक्षा विभाग से सम्बंधित हों। इसी प्रकार इस्लाम भी समस्त मानवजगत और सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड के लिए एकमात्र सत्यधर्म है। इस्लाम के दो नगर मक्का और मदीना किसी सैनिक छावनी के समान महत्वपूर्ण और पवित्र हैं, इन नगरों में प्रवेश करने का उन्हें ही अधिकार है जो इस्लाम में विश्वास रखते हों और उसकी प्रतिरक्षा में शरीक हों। अर्थात केवल मुसलमान ही इन नगरों में जा सकते हैं।
सैनिक संस्थानों और सेना की छावनियों में प्रवेश पर प्रतिबन्ध के विरुद्ध एक सामान्य नागरिक का विरोध करना ग़ैर कानूनी होता है। अतः ग़ैर मुस्लिमों के लिये भी यह उचित नहीं है कि वे मक्का और मदीना में ग़ैर मुस्लिमों के प्रवेश पर पाबन्दी का विरोध करें।

मक्का और मदीना में प्रवेश का वीसा

1. जब कोई व्यक्ति किसी अन्य देश की यात्रा करता है तो उसे सर्वप्रथम उस देश में प्रवेश करने का अनुमति पत्र ;टपेंद्ध प्राप्त करना पड़ता है। प्रत्येक देश के अपने कषयदे कानून होते हैं जो उनकी ज़रूरत और व्यवस्था के अनुसार होते हैं तथा उन्हीं के अनुसार वीसा जारी किया जाता है। जब तक उस देश के कानून की सभी शर्तों को पूरा न कर दिया जाए उस देश के राजनयिक कर्मचारी वीसा जारी नहीं करते।

2. वीसा जारी करने के मामले में अमरीका अत्यंत कठोर देश है, विशेष रूप से तीसरी दुनिया के नागरिकों को वीसा देने के बारे में, अमरीकी आवर्जन कानून की कड़ी शर्तें हैं जिन्हें अमरीका जाने के इच्छुक को पूरा करना होता है।

3. जब मैं सिंगापुर गया था तो वहाँ के इमैग्रेशन फ़ार्म पर लिखा था ‘‘नशे की वस्तुएँ स्मगल करने वाले को मृत्युदण्ड दिया जायेगा।’’ यदि मैं सिंगापुर जाना चाहूँ तो मुझे वहाँ के कानून का पालन करना होगा। मैं यह नहीं कह सकता कि उनके देश में मृत्युदण्ड का निर्दयतापूर्ण और क्रूर प्रावधान क्यों है। मुझे तो केवल उसी अवस्था में वहाँ जाने की अनुमति मिलेगी जब उस देश के कानून की सभी शर्तों के पालन का इकष्रार करूंगा।

4. मक्का और मदीना का वीसा अथवा वहाँ प्रवेश करने की बुनियादी शर्त यह है कि मुख से ‘‘ला इलाहा इल्लल्लाहु, मुहम्मदुर्रसूलल्लाहि’’ (कोई ईश्वर नहीं, सिवाय अल्लाह के (और) मुहम्मद (सल्लॉ) अल्लाह के सच्चे सन्देष्टा हैं), कहकर मन से अल्लाह के एकमात्र होने का इकरार किया जाए और हज़रत मुहम्मद (सल्लॉ) को अल्लाह का सच्चा रसूल स्वीकार किया जाए।
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तरुवर फल नहि खात है, नदी न संचय नीर ।
परमारथ के कारनै, साधुन धरा शरीर ।।
विद्या ददाति विनयम, विनयात्यात पात्रताम ।
पात्रतात धनम आप्नोति, धनात धर्मः, ततः सुखम ।।

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