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Old 12-08-2012, 02:42 PM   #25
stolen heart
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stolen heart will become famous soon enough
Default Re: कुरआन और विज्ञान |

सुनने और देखने की इंद्रिया
मां के गर्भाशय में विकसित हो रहे मानवीय अस्तित्व में सब से पहले जो इंद्रिय जन्म लेती है वह श्रवण इंद्रियां होती है। 24 सप्ताह के बाद परिपक्व भ्रूण Mature Foetus आवाजें सुनने के योग्य हो जाता है। फिर गर्भ के 28 वें सप्ताह तक दृष्टि इंद्रियां भी अस्तित्व में आ जाती हैं और दृष्टिपटलः Retina रौशनी के लिये अनुभूत हो जाता है। इस प्रक्रिया के बारे में पवित्र क़ुरआन यूं फ़रमाता है:
‘‘फिर उसको नक - सक से ठीक किया और उसके अंदर अपने प्राण डाल दिये और तुम को कान दिये, आंखें दी और दिल दिये, तुम लोग कम ही शुक्रगुज़ार होते हो।‘‘(अल-क़ुरआन: सूर: 32 आयत 9)
‘‘हम ने मानव को एक मिश्रित वीर्य से पैदा किया ताकि उसकी परीक्षा लें और इस उद्देश्य के लिये हम ने उसे सुनने और देखने वाला बनाया‘‘।(अल-क़ुरआन: सूर 76 आयत .2)
‘‘वह अल्लाह ही तो है जिसने तुम्हें देखने और सुनने की शक्तियां दीं और सोचने को दिल दिये मगर तुम लोग कम ही शुक्रगुज़ार होते हो।‘‘(अल-क़ुरआन:सूरः23 आयत 78 )
ध्यान दीजिये कि तमाम पवित्र आयतों में श्रवण-इंद्रिय की चर्चा दृष्टि-इंद्रिय से पहले आयी हुई है इससे सिद्व हुआ कि पवित्र क़ुरआन द्वारा प्रदत्त व्याख्याएं, आधुनिक प्रजनन विज्ञान में होने वाले शोध और खोजों से पूरी तरह मेल खाते हैं या समान है।
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