हिन्दी की श्रेष्ठ ग़ज़लें
मित्रो ! इस नए सूत्र में जैसा कि शीर्षक से ज़ाहिर है, मैं हिन्दी में कही जा रही ग़ज़ल प्रस्तुत करूंगा ! हालांकि व्यक्तिगत तौर पर मेरा मानना है कि ग़ज़ल को हिन्दी-उर्दू के खानों में बांटना उचित नहीं है, तथापि यदि एक खाना अलहदा चल रहा है, तो उसमें जाकर देखने में भी कोई हर्ज़ नहीं है ! अपने सूत्र 'एक सफ़र ग़ज़ल के साए में' की तरह इस सूत्र में किसी कालक्रम या कालखंड का ध्यान रखे बगैर मैं बस, श्रेष्ठ अशआर आप तक पहुंचाने का प्रयास करूंगा ! यहां किसी ग़ज़लगो का परिचय नहीं होगा, इसलिए कि इनमें से ज्यादातर साहित्यकार अभी इसी पृथ्वी पर विचरण कर रहे हैं और अधिकांश से मेरी व्यक्तिगत आशनाई है, अतः किसी के बारे में ज्यादा और किसी के बारे में कम लिख जाने का गुनाह मैं अपने सर नहीं लेना चाहता ! हिन्दी साहित्य की खेमेबंदी की इस कमजोरी के कारण आपको कुछ जानकारियों से वंचित रहना पड़ेगा, इसके लिए मैं क्षमाप्रार्थी हूं ! आइए, लुत्फ़ उठाते हैं हिन्दी की कुछ श्रेष्ठ ग़ज़लों का-
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दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु
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