Re: चिंतन शिविर में राहुल गांधी का भाषण
मीडिया, कांग्रेसी और कांग्रेस पार्टी के चाहने वाले हमेशा कहते रहते हैं की राहुल गाँधी युवाओं के नेता हैं, और अगर कांग्रेस को 2014 में फिर से वापिस आना है तो राहुल गांधी के कंधो पर ही सवार होना पड़ेगा। मैं भी एक युवा हूँ और मैं यहाँ कहना चाहता हूँ, की क्यों मैं राहुल गाँधी को अपना नेता नहीं मानता और मुझे राहुल गाँधी क्यों नहीं पसंद हैं।
1. अंग्रेजी में एक कहावत है बोर्न विथ सिल्वर स्पून, अपने राहुल जी ऐसे ही हैं, इसके कारण मेरे मन में उनके प्रति श्रद्दा कम है, या कहिये नहीं ही है। जब आप राज परिवार में पैदा हो ही गए तो राजा बनने से आपको कौन रोक सकता है। ऐसे में आपने कौन सा बड़ा तीर मार लिया। अगर गांधी surname नहीं होता तो आप शायद नगरपालिका चुनाव में भी नहीं जीत पातें।
2. नेता ऐसा होना चाहिए जो की जनता के साथ सीधे सीधे संवाद स्थापित कर सके। ऐसा भाषण दे की जनता मंत्रमुघ्ध हो कर सुनती रह जाए। राहुल गांधी इस मामले में पुरे फिसड्डी हैं। रात में उनके माँ ने उन्हें रोते हुए क्या बोला यह भी उन्हें कागज़ पर लिख कर लाना पड़ा।
3. आज 24/7 मीडिया का ज़माना है, ऐसे में नेताओं को मीडिया से नहीं घबराना चाहिए और हर मुद्दे पर अपनी राय मीडिया के द्वारा जनता के सामने रखनी चाहिए। मीडिया को देख कर राहुल गाँधी ऐसे भागते है की जैसे पानी देख कर बिल्ली। 10 साल से राजनीति में हैं, लेकिन आज तक एक भी इंटरव्यू नहीं दे पाए।
4. आप युवा नेता है तो आपको सोशल मीडिया पर होना ही चाहिए ताकि आप सीधे सीधे आज के युवाओं से बात कर सके और उनके विचार और राय से भी अवगत हो सके। मगर अफ़्सोश राहुल जी सोशल मीडिया पर भी नहीं हैं। दिल्ली में गैंग रेप के बाद कितना हंगामा हुआ था, लेकिन इस बीच राहुल गाँधी कहाँ थे, किसी को भी नहीं पता चला।
5. इस समय 2013 चल रहा है, राजीव गाँधी तो सेंटी पटक कर 1984 में सत्ता पर काबिज़ हो गए थे, लेकिन आज वैसा नहीं चलने वाला, जनता को कुछ ठोस करके दिखाना होगा, मगर अभी तक राहुल गाँधी में कुछ भी ऐसा नहीं किया जिसकी खुले दिल से तारीफ़ हो सके।
|