Re: मानव जीवन और मूश्किले बनाम सरलताये
पवित्रा ji , आपको माफ़ी पहले तो मंगनी ही नही चहिये क्यूंकि माफ़ी गलती की होती है और आपने कोई गलती की ही नही फिर माफ़ी keisi ? आप सब मेरा एक प्यारा सा छोटा सा परिवार हो एक लगाव सा है सबस, अब, अब दोस्त हैं हम सब और दोस्ती में बातें हक़ से की जाती हैं न की माफ़ी मांग के . पवित्रा जी मै आपका आभार मानती हूँ क्यूंकि उस कहानी की वजह से और कई लोगो को गलत फहमी हो सकती थी जिससे आपने मुझे बचाया .मै जानती हु आपकेअच्छे पक्ष को आपने अपना पॉइंट ऑफ़ व्यु रखा है.
kuki जी ,... बहुत बहुत धन्यवाद आपने गीता के मर्मको यहाँ रखा और जीवन के दुखो से निजात पाने और सहने के तरीके बताये .. ये मंच ही हम सब दोस्तों को इस तरह अपनत्व से बातें करके खुले मन से अपने अपने भाव लिखने से एक करेगा और हम अपने इस हिंदी फोरम को और ज्यदा मानव जीवन के लिए उपयोगी बनायेंगे. आप सबका साथ आप सबके कमेंट्स ही हमे आगे बढ़ाएंगे .पवित्रा जीkuki जी ने भी बहुत अच्छे मंतव्य दिए . देवराज जी ने दीप जी ने अरविन्द जी ने आदरणीय रजनीश जी ने अपने विचारों को यहाँ रखा मैआप सबकी बहुत आभारी हूँ
Last edited by soni pushpa; 07-01-2015 at 03:11 PM.
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