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Originally Posted by vidrohi nayak
अब अवश्य आपके समर्थन में हम हैं ! और अभिषेक जी से निवेदन है की कुछ परिश्रम को भी महत्व दिया जाए ! कोई भी कार्य सिर्फ पैसे की दम पर नहीं हो सकता, मैन पॉवर की आव्यशकता तो पड़ती ही है अतः जितेन्द्र जी को भी उनका हक मिलना चाहिए ! अगर ऐसा नहीं होता है तो जितेन्द्र जी के साथ मै भी इस फोरम से विदा ले लूँगा ! हो सकता हो की इस बात से फोरम पर कोई असर ना पड़े परन्तु ऐसे संप्रभुता के माहोल में मुझ पे फरक जरुर पड़ सकता है !और मै ऐसे माहोल में नहीं रहना चाहूँगा !
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मित्र रातुल जी
जानकर अच्छा लगा कि आपने जितेन्द्र जी की भावनाओँ को समझा
और आप उनके सर्मथन
मे हैँ |