Re: दोस्तों की "चौपाल".
Quote:
Originally Posted by abhisays
खालिद भाई, कैसे हैं, आपको फिर से चौपाल पर देख कर काफी अच्छा लगा।
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अल्लाह का करम हैँ
अब आता रहुगाँ
आप कैसे हैँ
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दोस्ती करना तो ऐसे करना
जैसे इबादत करना
वर्ना बेकार हैँ रिश्तोँ का तिजारत करना
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