21-06-2011, 01:54 PM
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#14
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Re: ღ ~ हाईटेक रोमांस ~ ღ
दस-बारह साल पहले के प्रेमियों और आज कल के रोमोस में बहुत अंतर आ चुका है. पहले किसी अफेयर के जन्म लेने में उतना ही वक्त लगता था जितना कि बच्चे को पैदा होने में लगता है...करीब नौ महीने. लड़का लड़की को देखता है....कॉलेज में....ऑफिस में...बालकनी में या फिर कहीं और....अब वो लड़की की गतिविधियों पे नज़र रखना शुरू करता है....वो कब घर से निकलती है...कहाँ जाती है...उसकी कौन सी सहेलियां हैं, उसका भाई तो नहीं है...और कहीं उसका पहले से ही कोई चक्कर तो नहीं है...इतना सब होमेवोर्क करने के बाद ही लड़का आगे बढ़ता था....पर आज-कल तो कोई ज़रा सा भी अच्छा लगा तो बस फेसबुक पे सर्च किया थोड़ी लाइन मारी ....ठीक रहा तो ठीक नहीं तो नेक्स्ट... ...और आज नहीं तो कल कोई न कोई मिल ही जाता है...और हो जाता है अफेयर शुरू ...
तो पहले कि बात करें तो एक रिलेसंसिप डेवलप करने में इतने पापड़ बेलने पड़ते थे की सिर्फ वही लोग हिम्मत करते थे जिन्हें वाकई में प्यार होता था ..पर आज कल मोबाइल और संजाल ने ये सब कुछ इतना आसान बना दिया है कि हिम्मत करने जैसी कोई बात ही नहीं रही.... और इसका हर्जाना उन बेकसूरों को भुगतना पड़ता है जो सच-मुच किसी रिलेसंसिप को लेकर सीरियस होते हैं...वो बेचारे समझते हैं कि उनका पार्टनर भी उतना ही सीरियस है..पर अफ़सोस बहुत बार ऐसा नहीं होता है...
अब आप ही सोचिये नौ महीने में मिले प्यार के ज्यादा टिकाऊ होने के चांस हैं या नौ घंटे में मिले लव के ??
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