Re: मुहावरों की कहानी
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कुत्ते की पूँछ के उतार-चढ़ाव फेप के शानदार उदाहरण हैं, जैसे-
* कुत्ते की पूँछ जब दोनों टाँगों के बीच अंदर की ओर मुड़ी हो तो इसका अर्थ है, इसने दूसरे कुत्ते से अपनी हार स्वीकार ली है।
* पूँछ दोनों टाँगों के बीच में दबी हुई परंतु अंदर मुड़ी न हो तो इसका आशय है, दूसरे की सत्ता स्वीकारना।
* जब कुत्ते की पूँछ जमीन के समानांतर खड़ी हो तो इसका मतलब है, यह कुत्ता दूसरे कुत्ते को डरा रहा है।
* जब पूँछ ऊपर की ओर सीधी खड़ी हो तो इसका अर्थ होता है समूह पर अपना प्रभुत्व दर्शाना अर्थात समूह का मुखिया होना।
* जब पूँछ टाँगों के बीच थोड़ी-सी बाहर की ओर लटक रही हो तो समझिए वह कह रहा है, 'मुझे कोई लेना-देना नहीं है।'
ऐसा नहीं है कि व्यवहार-प्रदर्शन में केवल पूँछ की स्थिति में ही बदलाव आता है। पूँछ के साथ चेहरे के हाव-भाव भी बदलते हैं जिनमें मुँह और कान की स्थितियाँ बड़ी महत्वपूर्ण होती हैं।
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
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