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भारतीय व्यवस्था महिलाओं के लिए अच्छी और निष्पक्ष : राव
वाशिंगटन। अमेरिका में भारत की शीर्ष राजनयिक ने कहा है कि भारतीय व्यवस्था महिलाओं के योगदान को स्वीकार करने के मामले में विश्व में सबसे बेहतर और निष्पक्ष है। फलोरिडा विश्वविद्यालय में अपने संबोधन में अमेरिका में भारत की राजदूत निरूपमा राव ने कहा कि यह इस बात से साफ साबित हो जाता है कि वह महिला होकर भी कूटनीति के सबसे ऊंचे पद तक पहुंची। उन्होंने कहा कि जब से मैं एक राजनयिक बनी हूं तब से भारत के सार्वजनिक जीवन में महिलाओं की स्थिति मजबूत से और अधिक मजबूत होती गई है। उदाहरण के लिए मुझे वर्ष 2009 से 2011, दो वर्षों तक भारत की विदेश सचिव के रूप में विदेश सेवा की प्रमुख होने का अधिकार मिला । हर दृष्टि से यह एक अनूठा अनुभव रहा। राव ने कहा कि लोक सेवा में और राष्ट्र के लिए महिलाओं के योगदान के मामले में भी प्रदर्शित होता है कि हमारी व्यवस्था विश्व की एक बेहतर व्यवस्था है। राजनय के जिस क्षेत्र से राव संबंध रखती हैं उसके बारे में उन्होंने कहा कि इस सेवा में लंबे समय से पुरुषों का वर्चस्व था और जब 1973 में वह विदेश सेवा अधिकारी बनीं उस समय भी यह काफी स्पष्ट था। कुछ दशक पहले तक संप्रभु देशों के बीच विदेश संबंधों में महिलओं का दखल बिल्कुल नई बात थी। राव ने कहा कि बेशक यह तथ्य कि उस समय हमारी प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी एक महिला थीं और यह भारत के लिए ही नहीं बल्कि समूचे विश्व के लिए एक क्रांतिकारी घटना थी। इसने समाज में महिलाओं के ऊंचाई पर पहुंच सकने के विचार को और अधिक स्वीकार्य बनाया। राव ने कहा कि कई साल पहले, सीबी मुथम्मा नाम की एक पहली भारतीय विदेश सेवा अधिकारी हुई थीं जिन्होंने लोक सेवा की परीक्षा दी और भारतीय विदेश सेवा में आई। उन्होंने व्यवस्था में सुधार करने के लिए जबरदस्त संघर्ष किया और उन्हीं के प्रयासों से उनके बाद आने वाली पीढ़ियों को असाधारण अवसर मिले। भारतीय राजदूत ने कहा कि आज भारतीय विदेश सेवा अपनी महिला राजदूतों और उच्चायुक्तों समेत वरिष्ठ महिला अधिकारियों पर भरोसा और गर्व करती है, जो विदेश में भारत का प्रतिनिधित्व कर रही हैं और लगातार देश की विदेश नीति को संवारने और आगे बढ़ाने में योगदान कर रही हैं। राव ने कहा कि भारत आज ऐतिहासिक बदलाव की प्रक्रिया से गुजर रहा है। उन्होंने कहा कि लोगों की महत्वाकांक्षाएं बढ़ गई हैं क्योंकि वे अब गरीबी से उबर रहे हैं और देश की तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था इसे दुनिया की अगुवा आर्थिक ताकतों में से एक बना रही है। भारतीय राजदूत ने कहा कि हम अपने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय दायित्वों का निर्वाह कर रहे हैं। हमारा लोकतंत्र मजबूत, जीवंत और लचीला है।
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दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु
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