Re: पशु पक्षी और प्यार की देवी गीता रानी
गीता ने ‘स्नेहालय फॉर एनिमल्स’ में ऐसी महिलाओं को काम पर रखा जिनका कोई इस दुनिया में नहीं है। गीता ने बड़ी बेरहमी से समाज द्वारा बेदख़ल कर दी गयी एचआईवी का शिकार एक महिला को भी अपने ‘स्नेहालय’ में पनाह दी है।
‘स्नेहालय’ का माहौल और नज़ारा भी गज़ब का होता है। अलग-अलग नस्लों के तरह-तरह के कुत्ते खेलते-कूदते,भौंकते नज़र आयेंगे। इस ही जगह तरह-तरह की 75 बिल्लियाँ को देखने का अनुभव भी अनोखा ही होता है। सबसे दिलचस्प नज़ारा वो होता है जब गीता इन जानवरों और पक्षियों से बात कर रही होती हैं। लोगों के लिए ये समझना बेहद मुश्किल होता है कि इंसानी ज़ुबान को न बोलने और जानने वाले जानवर और पक्षी आखिर किस तरह गीता की बातों और इशारों को समझ जाते हैं। बड़े ही उद्दंड और गुस्सैल जानवार भी गीता के सामने चुप्पी साधे रहते हैं। शायद यही प्यार है।
(समाप्त)
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
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