Re: क्विज़ टाइम / किशोर कुमार
दर्द हमारा कोई न जाना
(किशोर कुमार के इंटरव्यूज़ पर आधारित)
कुछ महीने पहले काम से फुरसत मिली तो कश्मीर गया था. बहुत पहले मैंने अपनी पत्नी और खुद से भी वादा किया था कि मैं कश्मीर जाऊँगा. मुझे ख़ुशी है कि आखिरकार मैंने वह वादा निभाया. ख़ुशी इस लिये भी थी कि बर्फ से ढकी घाटी और इस जगह की शांति ने मुझे बहुत प्रभावित किया. अचानक ही मुझे इस ख़याल ने घेर लिया कि मैं कौन था और मैं क्या बन गया हूँ? मैं इस ओर चला जा रहा हूँ. मैंने इस प्रकार की कई बातें अनुभव की जिन्होंने मुझे हिला कर रख दिया.
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
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