17-10-2011, 06:13 AM
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#147
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Re: प्रेम, प्रणय और धोखा
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Originally Posted by bhavna singh
दर्द सीने में सिसकता रहा है रात भर,
यादों का सिलसिला चलता रहा है रात भर,
एक बार फिर से माफ़ कर दूं उसकी बेवफाई को,
यही इल्तजा दिल मुझसे करता रहा है रात भर |
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जिंदगी देने वाले , मरता छोड़ गये,
अपनापन जताने वाले तन्हा छोड़ गये,
जब पड़ी जरूरत हमें अपने हमसफर की,
वो जो साथ चलने वाले, रास्ता मोड़ गये|
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