Re: !! कुछ गजलें !!
सुनाते क्या हो वक़्त बदलने वाला है
देखते आये हैं सूरज निकलने वाला है ...
जो नहीं है अपना उस पर ध्यान क्यों है
जो है पास में वो कब तक रहने वाला है ...
बाज़ार में शौहरत का खिलौना लेकर घूमने वाले
यह नहीं जानते कब वह टूटके बिखरने वाला है ...
शहर के घरों की दीवारें बाहर से अच्छी लगती है
इसमे रहने वाले जानते है कांच बिखरने वाला है ...
मैनेँ बदलते दौर में यह रंग भी देखा है
मुसीबत में हर ख़ास रिश्ता चाल बदलने वाला है ...
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Disclaimer......! "फोरम पर मेरे द्वारा दी गयी सभी प्रविष्टियों में मेरे निजी विचार नहीं हैं.....! ये सब कॉपी पेस्ट का कमाल है..."
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Last edited by Sikandar_Khan; 29-03-2012 at 10:24 PM.
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