Re: डार्क सेंट की पाठशाला
देख रहा है भगवान
एक किसान अपने खेत में काम कर रहा था। उसका बेटा रामू भी वहीं था। पड़ोसी के खेत में गाजर उगी हुई थी। रामू ने एक गाजर खींचकर निकल ली। गाजर खींचते देख किसान रामू से बोला, बेटा वह खेत दूसरे किसान का है। तुमने गाजर क्यों निकाली? रामू बोला, मैं जानता हूं, यह खेत राधे काका का है, परंतु काका इस समय नहीं हैं। बेटे की बात सुन किसान बोला, राधे ने तुम्हें नहीं देखा, परंतु भगवान तो देख रहा है। वह सबको देखता है। रामू को अपने पिता की बात समझ आ गई। एक बार बरसात नहीं हुई। सभी खेत सूख गए। खाने के लिए भी किसी के घर में अनाज नहीं था। सभी किसान बहुत परेशान थे। भूख से बेचैन हो रामू का पिता सोचने लगा, क्या करूं? अनाज कहां से लाऊं? केवल पड़ौसी राधे के खलियान में ही अनाज था। पिछले साल उसके खेत में गेहूं की खूब पैदावार हुई थी। रामू के पिता ने राधे के खलियान से अनाज चोरी करने की योजना बनाई। रात को उसने रामू को जगाया। दोनों राधे के खलियान पर पहुंचे। किसान बोला, तुम देखते रहना। यदि कोई आए, तो मुझे बता देना। बेटे को समझाकर किसान राधे के खलियान में घुस गया। जैसे ही किसान ने अनाज उठाना शुरू किया रामू बोला, पिताजी रुक जाइए। किसान जल्दी से रामू के पास आकर बोला, क्या कोई यहां आ रहा है या कोई देख रहा है? रामू ने बड़े भोलेपन से कहा, पिताजी इस तरफ कोई आ तो नहीं रहा, लेकिन भगवान देख रहा है। रामू के मुख से यह सुनकर किसान की गरदन शर्म से झुक गई। उसका हाथ कांपने लगा। अनाज की बोरी हाथ से छूट गई। वह बोला, हां बेटे, भगवान तो देख ही रहा है। मैं भूल गया था। अच्छा हुआ तुमने याद दिला दिया। किसान ने बेटे को छाती से लगा लिया और भगवान से माफी मांगने लगा। फिर दोनों भगवान को याद करते हुए घर चल दिए। पिता ने सोचा, बुरा काम कभी भी, कैसी भी परिस्थिति में नहीं करना चाहिए।
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दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु
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