Re: अन्ताक्षरी खेले याददास्त बढायें...........
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Originally Posted by mansar80
तुम्ही बताओ प्यार तुमसे कैसे करें
दिल के हर कोने में तुम ही तुम हो
फिर दूसरा एहसास वहाँ पैदा कैसे करें
कत्ले आम मचा रखा है तुम्हारे एहसास ने
थोडी सी जगह खाली कर दो तो प्यार तुम से करें
(अज्ञात)
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रोशनी रोशनी चिल्लाओगे तुम याद रखो
कैसे मुमकिन है कि सूरज हो ज़िबह शाम न हो
कोई पहुंचा दे मेरी आखिरी ख्वाहिश उन तक
जो मेरे साथ हुआ उसका चलन आम न हो
(बालस्वरुप राही)
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
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