Re: क्या दुनिया खत्म होने का वक्त आ गया है?
कास्मिक रे पर काम कर रहे विश्व के तीसरे सबसे बड़े वैज्ञानिक डॉ एस.पी. अग्रवाल ने इन बातों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि मानव जीवन पर इसका प्रभाव इतना मात्र होगा कि पक्षी यदा कदा अपना रास्ता बदल देते हैं तथा नगण्य संख्या में हृदय रोगी परेशानी में आ सकते हैं. इसके अलावा मानव जीवन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता. उन्होंने कहा कि यह कहना कि 2012 में पृथ्वी में प्रलय होगी पूर्णतः गलत है. साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि जैसे लोग कहते हैं कि प्रलय में पृथ्वी डूब जाएगी तो वह भी गलत है क्योंकि यदि समुद्र का पूरा पानी तथा आसमान में व्याप्त पूरी वाष्प का पानी तथा पृथ्वी में मौजूद पूरी बर्फ भी यदि पिघल कर पानी बन जाए और पूरी पृथ्वी पर फैले तो वह पूरी धरती से महत ढाई फीट उंचाई तक ही पानी भर सकती है और यह पूरा पानी सत्रह दिन में सतह द्वारा सोख लिया जाएगा.
इस लिये पृथ्वी के प्रलय के डर से दूर होकर मस्त रहें.
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