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Old 17-04-2017, 03:43 PM   #15
Rajat Vynar
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Talking Re: कहानी का रूपान्तरण

अतः स्पष्ट है- उपरोक्त केन्द्रीय विचार में निहित तथ्य का समावेश जिस किसी रचना में भी किया जाएगा उस रचना को 'नानावटी के मुकदमे' की कहानी से ही प्रेरित समझा जाएगा। आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि 'नानावटी के मुकदमे' पर आधारित समझी जाने वाली पहली हिन्दी फ़ीचर फ़िल्म 'ये रास्ते हैं प्यार के' वस्तुतः 'नानावटी के मुकदमे' पर आधारित नहीं थी। इस फ़िल्म की नायिका लीला नायडू ने वर्ष 2010 में प्रकाशित अपनी पुस्तक में इस बात का उल्लेख करते हुए लिखा है कि 'नानावटी के मुकदमे से पहले ही इस फ़िल्म की पटकथा लिखी जा चुकी थी। फ़िल्म की कहानी और एक वास्तविक जीवन की कहानी में समानता होना एक संयोग था।



यही कारण है- सम्पूर्ण विश्व में लेखकों की हर रचनाएँ 'समानता संयोग से हो सकती है' की वैधानिक घोषणा के साथ प्रकाशित की जाती हैं।

'नानावटी के मुकदमे' की कहानी में समाहित उपरोक्त केन्द्रीय विचार अपने आप में बेहद अनोखा, अनूठा और दुर्लभ है, क्योंकि अमूमन ऐसा होता हरगिज नहीं है। पत्नी के विवाहेतर सम्बन्ध की जानकारी होते ही पति या तो पत्नी की हत्या कर देता है, या फिर उसके प्रेमी की हत्या कर देता है, या फिर दोनों की हत्या कर देता है, या फिर दोनों या किसी एक की हत्या करके स्वयं आत्महत्या कर लेता है, या फिर स्वयं आत्महत्या कर लेता है।
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