मुझे सिर्फ फिल्मों का ही शौक है ओर मेरी गीनती थी की मुझे तीन फिल्म प्रति सप्ताह देखने को मिल जाए तो भी बड़ी बात है। शनिवार, ईतवार को दो फिल्में देखने को मीलती थी लेकिन तीसरी फिल्म की भुक मिटाई 'बायोग्राफी' ने। यह बायोग्राफी नामक प्रोग्राम फिल्मों को तीन घंटो में बांट कर सोम से बुध तक रोजाना १०-३० से ११-३० तक प्रस्तुत करता था। उन दिनों बहूत अच्छी फिल्में देखने को मिली, जो आज तक मै नहीं भुल पाया।