युवा लोगों को ध्यान में रख कर फिल्में बनाते है। युवावर्ग को चाहिए की होलिवुड की फिल्में देखे, लेकिन बोलिवुड की फिल्मों से ईनकी तुलना न करें। बोलिवुड की लेटेस्ट फिल्म, जो युवा वर्ग को ध्यान में रख कर बनाई गई है....वह भी किसी ४०-५० साल के लोगों ने ही बनाई है। ईस लिए कोलेज की या प्रेम कहानीयों वाली फिल्म देखते वख्त यह भी याद रहेना चाहिए।
पुरानी फिल्में देख कर या पुराने गाने सुनना कोई दखियानुसी बात नहीं है। ईन फिल्मों से बहुत कुछ सीखा जा सकता है। आज कल के युवा डाईरेक्टर बहुत अलग काम करना चाहतें है...आप उनकी फिल्मों को बढावा दें!