Re: कच्छ नहीं देखा तो कुछ नहीं देखा
रेल मार्ग- रेल के जरिए कच्छ देश के किसी भी हिस्से आ सकते. गांधीधाम और भुज में जिले के नजदीकी रेलवे स्टेशन हैं
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मैं क़तरा होकर भी तूफां से जंग लेता हूं ! मेरा बचना समंदर की जिम्मेदारी है !!
दुआ करो कि सलामत रहे मेरी हिम्मत ! यह एक चिराग कई आंधियों पर भारी है !!
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