Re: मुहब्बत ही न जो समझे वो जालिम...
खास बात
गायन और अभिनय के क्षेत्र में माहिर रहे महमूद के लिए फिल्म ‘दिल-ए-नादां’ में उनके साथ जोड़ी बनाने के लिए खूबसूरत नायिका ढूंढने के उद्देश्य से एक सौंदर्य प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।
सम्मान और पुरस्कार
- वर्ष 1992 में पद्मभूषण।
- वर्ष 1995-1996 में राष्ट्रीय लता मंगेशकर सम्मान।
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दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु
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