Re: मानव जीवन और मूश्किले बनाम सरलताये
मैं समझती हूँ कि किसी भी व्यक्ति के जीवन में सिर्फ दुःख ही दुःख हों तो वो निराश होगा ही , टूटेगा ही , भगवान से शिकायत करने का हक़ है उसका कि क्यों उसके जीवन में सिर्फ दुःख ही दुःख हैं। पर मैंने पहले भी कहा है कि जो चीज़ हमारे हाथ में ही नहीं है उसके लिए शोक करना कोई फायदा नहीं देता। आप खुद सोचिये जिन हालत में वो महिला हैं , वो असहाय हैं , वो चाह कर भी हालात नहीं बदल सकती हैं। पर ये जीवन सिर्फ उम्मीद के सहारे ही तो जिया जाता है न , एक उम्मीद के शायद हमारा आने वाला कल हमारे आज से बेहतर होगा , शायद मेरे जीवन में सब कुछ अच्छा हो जायेगा। बाकि भाग्य और भगवान पर किसी का ज़ोर नहीं है। हम सिर्फ शिकायत कर सकते हैं भगवान से , सांत्वना दे सकते हैं , हौसला दे सकते हैं , सहारा दे सकते हैं , पर हम सभी जानते हैं कि कुछ चीज़ें हमारे नियंत्रण से बाहर होती हैं।
बाकि अगर आपको मेरी किसी भी बात से ज़रा भी ठेस पहुंची हो तो मैं माफ़ी चाहती हूँ .
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It's Nice to be Important but It's more Important to be Nice
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