Re: मानव जीवन और मूश्किले बनाम सरलताये
[QUOTE=Deep_;545631]सुख-दुख का आनाजाना तो पुरुषार्थ और भाग्य के उपर निर्भर होता है। कुछ विपदा कुदरती होती है। कुछ तकलीफ असहनीय होती है। लेकिन ...दुख का भी जीवन में एक योगदान होता है। ये दुख ही वह ताकत है जो मनुष्य को अंदर से ईतना मजबुत करता है की वह आनेवाले कल के बारे में आशांवित हो सके।[/QU
Thanks deep ji ,apke vichaar aapne is sutra par rakhe mai aapki abhari hun .
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