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Old 08-05-2015, 05:02 PM   #19
kuki
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kuki is a glorious beacon of lightkuki is a glorious beacon of lightkuki is a glorious beacon of lightkuki is a glorious beacon of lightkuki is a glorious beacon of light
Default Re: मेरी कलम से.....

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Originally Posted by Pavitra View Post
इस गतिहीन , दिशाहीन जीवन को मिले नयी उडान प्रिय

तुम आ जाओ , अब आ जाओ हैं अधर में मेरे प्राण प्रिय....

इस बैरी दुनिया ने,
किये बहुत से सितम मुझ पर,
पल-पल तरसी, पल-पल तडपी,
हुई बहुत बेचैन मगर,
मिले सुकून तब ही जब धरूँ तुम्हारा ध्यान प्रिय,
तुम आ जाओ , अब आ जाओ हैं अधर में मेरे प्राण प्रिय....

अपने मन की आँखों से ,
किया तुम्हारा दीदार बहुत ,
तुमसे मिलने की चाहत में ,
मैंने किया इन्तजार बहुत ,
नाम तुम्हारा जुडे तो ,मिले मुझे पहचान प्रिय ,
तुम आ जाओ , अब आ जाओ हैं अधर में मेरे प्राण प्रिय....

जग से ,जग के क्या शिकवे करूँ?
तुम मिलो तो क्यों किसी से डरूँ ?
साथ तुम्हारा पाऊँ तो चढूँ नये सोपान प्रिय ,
अब आ जाओ ,बस आ जाओ हैं अधर में मेरे प्राण प्रिय....

bahut badhiya likha hai pavitra .
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