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Originally Posted by pavitra
क्या फर्क पडता है कि किस-किस की नजर तुम पर है ,
मुझे तो बस परवाह है कि तुम्हारी निगाहों में कौन बसता है ....
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अरे ये पढने से छूट कैसे गया?! गजब की पंक्तियाँ है। आजकल तो आप कमाल पर कमाल कर रही हैं। मुझे पहले से अनुमान था एक न एक दिन आप गजब की कविताएँ लिखेंगी। बधाईयाँ।