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Old 31-05-2014, 01:45 PM   #3
dipu
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Default Re: Not Proud to be an Indian Today - Ashamed and hurt - Incredible India

नई दिल्ली/लखनऊ। बदायूं के कटरा साहदतगंज गांव में गैंगरेप के बाद दो किशोरी बहनोे को फंदे पर लटकाने वाली घटना की गूंज दिल्ली तक पहुंच गई है। इसी के साथ यूपी पुलिस भी अब हरकत में आ गई है। वारदात के दूसरे दिन एक आरोपी सिपाही को गिरफ्तार कर लिया गया जबकि डीआईजी और एसएसपी ने घटनास्थल का मौका-मुआयना कर दो दिन में आरोपियों को गिरफ्तार करने का दावा किया है। बरेली से पहुंची फोरेंसिक टीम ने भी घटनास्थल से साक्ष्य जुटाने शुरू कर दिए हैं।

घटना के अनुसार, थाना उसहैत के गांव कटरा सहादतगंज में दो चचेरी बहनें मंगलवार की रात गायब हो गई थीं। गांव के ही दबंगों ने छेडखानी के बाद उनको अगवा कर लिया और गैंगरेप के बाद फंदे पर लटका कर मौत के घाट उतार दिया। रात को पुलिस चौकी में पहुंचे परिजनों को ही पुलिस ने हिरासत में ले लिया जिनको बमुश्किल छोडा गया। बुधवार सुबह जब दोनों बहनों की लाशें पेड पर लटकी मिली तो पूरा गांव गुस्से में आ गया। 9 घंटे तक लाशें पेड पर लटकी रही। सडक जाम कर दी गई तब जाकर पुलिस ने तीन सगे भाइयों को नामजद करते हुए दो अज्ञात के विरूद्ध गैंगरेप और हत्या की रिपोर्ट दर्ज की।

परिजनों ने पुलिस पर आरोप लगाए तो एसएसपी ने चौकी इंचार्ज व दो सिपाहियों को निलंबित कर अपनी जिम्मेदारी की इतिश्री कर ली। गुरूवार सुबह जब मामला दिल्ली पहुंचा तो यूपी पुलिस हरकत में आई। सूचना मिलने के बाद अब दिल्ली से महिला आयोग की टीम शुrवार को गांव कटरा साहदतगंज पहुंच रही है। वहीं आज डीआईजी आरकेएस राठौर व एसएसपी अतुल सक्सेना गांव पहुंचे जिन्होंने पीडितों के बयान लेने के बाद घटनास्थल का निरीक्षण किया। इसके अलावा बरेली से फोरेंसिक टीम भी घटनास्थल पर पहुंच गई जिन्होंने आम के पेड पर लटकाई गई किशोरियों के जमीन से पैरों की दूरी व दोनों बहनों के बीच की दूरी समेत कई बिंदुओं पर जांच शुरू कर दी। डीआईजी ने जानकारी देते हुए बताया कि एक सिपाही सर्वेश को गिरफ्तार कर लिया गया है जबकि दूसरे सिपाही छत्रपाल की तलाश की जा रही है।

उन्होंने दावा किया कि पुलिस सख्त कार्रवाई कर रही है जिसमें दो दिन के भीतर फरार चल रहे सिपाही और तीन अन्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लेगी। एसएसपी ने बताया कि मृतका के पिता जीवनलाल ने तीन को नामजद करते हुए पांच लोगों के विरूद्ध गैंगरेप के बाद हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई है। जिसमें एक नमाजद पप्पू गिरफ्तार कर लिया गया जबकि अन्य की धरपकड के लिए 8 दरोगा व 20 सिपाहियों की टीम गठित कर दी गई हैं। पोस्टमार्टम के बाद दोनों बहनों का अंतिम संस्कार क़डी सुरक्षा के बीच बुधवार की रात ही कर दिया गया, जबकि गांव में तनाव को देखते हुए कई थानों की फोर्स और पीएसी तैनात कर दी गई है। कटरा साहदतगंज गांव की दो बेटियों के साथ हैवानियत और उनकी हत्याओं से सिर्फ उसहैत नहीं, बल्कि पूरे बदायूं का कलेजा मुंह में आ रहा है। इलाके के लोग सदमे और गुस्से में हैं। हर तरफ शैतानों को फांसी तक पहुंचाने की मांग उठ रही है।

हैवानी चेहरों का साथ निभाने वाले सभी पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी और उनकी बर्खास्तगी की मांग भी जोर पकड रही है। जनता का गुबार किसी टकराव की वजह न बने, यह सोचकर बदायूं पुलिस-प्रशासन आशंकित है। एहतियातन गांव में भारी तादाद में पुलिस और पीएसी के जवान मुस्तैद रखे गए हैं। पुलिस अफसरों ने सामूहिक रेप और दोहरे हत्याकांड के मामले में तीन आरोपी और एक सिपाही को गिरफ्तार करने का दावा किया है मगर इस कार्रवाई से पीडित परिवार और इलाके के लोग संतुष्ट नहीं है। हर कोई मासूम बहनों के हत्यारों को फांसी दिए जाने की मांग कर रहा है। मारी गई चचेरी बहनों की मां, चाची और दादी के साथ मौजूद गांव और रिश्तेदारी की तमाम महिलाएं चीख-चीखकर कह रही हैं कि जिन पुलिसवालों ने दबंगों से मिलकर बेटियों का मरवा दिया, उनके खिलाफ जल्द कार्रवाई होनी चाहिए। पुलिस चाहती तो रात को ही बेटी मिल जाती मगर दबंगों को पक़डने की जगह उल्टा पीडित परिवार पर ही जुल्म किया गया।

दोपहर में घटनास्थल पर डीआईजी और एसएसपी पहुंचे तो वहां तमाम गांववाले इकटे हो गए और आरोपियों को गिरफ्तार कर सबके सामने लाने की मांग करने लगे। अफसरों ने कडी कार्रवाई का आश्वासन देकर किसी तरह गांववालें को शांत किया। गांव के ग्रामीण प्यारेलाल, अजयपाल, प्रमेपाल आदि ने मांग की जब तक दरिंदे नहीं पकडे जाएंगे, तब तक किसी के दिल को शांति नहीं मिलेगी। कार्रवाई में अब ढिलाई हुई तो उग्र आंदोलन होगा। पुलिस से जनता का भरोसा उठ रहा है। पुलिस पीडितों पर जुल्म कर रही है तो पब्लिक गुस्से में बार-बार तूफान उठा रही है। कभी पुलिस हिरासत में मौत तो कभी कत्ल और हत्या की घटनाओं में पुलिसकर्मियों के नाम उछलने से खाकी पर इतने दाग लग रहे हैं कि अफसरों को सफाई देने तक में पसीने आ रहे हैं। उसहैत पुलिस ने अब जो कुछ किया है, उसे लेकर लखनऊ-दिल्ली तक थू-थू हो रही है।

ताबडतोड हत्या, लूट, अपहरण और रेप जैसी वारदातों से जहां बदायूं का आवाम थर्रा रहा है वहीं सुरक्षा की जिम्मेदारी लेने वाली खाकी भी कलंकित होती जा रही हैं। पांच माह के करीब 150 दिनों में 400 से अधिक वारदात हो चुकी हैं जिसमें 80 हत्याएं है तो चार अपहरण, जबकि बलात्कार के मामले हर तीसरे दिन सामने आते रहते हैं। इससे जनता का विश्वाास खाकी से उठता जा रहा है, जिसमें कुछ मामलों में खाकी भी दागदार बन गई और गुस्सा फूट कर सडक पर आ पहुंचा। बदायूं में पांच माह में पांच बार पब्लिक और पुलिस आमने सामने आ चुकी हैं जिसमें पुलिस को पीछे हटना पडा है और दो तीन मामलों में पुलिसकर्मियों के विरूद्ध रिपोर्ट दर्ज हुई हैं। साहदतगंज कांड की दिल्ली में गूंजा उसहैत क्षेत्र के गांव कटरा साहदतगंज में गैंगरेप के बाद दो बहनों को जिंदा फांसी पर चढा दिए जाने की घटना पर बदायूं से लखनऊ-दिल्ली तक सियासी उबाल आ गया है। हैवानीयत वाली इस वारदात की जांच के लिए राष्ट्रीय महिला आयोग की टीम शुrवार को बदायूं आ रही है।

आंवला सांसद धर्मेन्द्र कश्यप भी पार्टीजनों के साथ आज गांव पहुंचेंगे। केंद्र को रिपोर्ट भेजी उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि बदायूं में कटरा गांव में हुई दुराचार की घटना को प्रधानमंत्री कार्यालय ने गंभीरता से लिया है। इस संबंध में केंद्रीय गृह मंत्रालय के जरिए प्रदेश सरकार से रिपोर्ट मांगी गई है। इसमें आठ बिन्दुओं पर विस्तृत ब्योरा देने को कहा गया है। पूछा गया है कि घटना कैसे हुई। पुलिस को कब सूचना मिली। पुलिस ने लापता बच्चियों की तलाश के लिए क्या कदम उठाए। परिजनों की शिकायत पर क्या कार्रवाई की गई। क्या कोई अभियुक्त गिरफ्तार किया गया अथवा नहीं। दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई। दूसरी तरफ, प्रदेश के डीजीपी से लेकर प्रमुख सचिव गृह तक कहते रहे कि केंद्र द्वारा रिपोर्ट मांगी जाने की उन्हें कोई जानकारी है। दूसरी ओर प्रदेश पुलिस के सूत्रों ने कहा कि केंद्र सरकार को रिपोर्ट भेजी भी दी गई है। डीजीपी आनंदलाल बनर्जी ने कहा कि बदायूं में एक अभियुक्त पप्पू यादव व उसके साथ आपराधिक साजिश करने वाला सर्वेश यादव भी गिरफ्तार कर लिया गया है।

आईजी एसटीएफ ने बताया कि पोस्टमार्टम में दुराचार की पुष्टि हुई है। फिर भी जांच के लिए दोनों बच्चियों के शरीर की रासायनिक धोवन को पैथेलॉजिक टेस्ट के लिए भेजा गया है। अभियुक्तों के परिवार-रिश्तेदार भी भूमिगत घटना के बाद से अभियुक्तों के घर खाली पडे हैं। आरोपियों के साथ उनके परिवार और रिश्तेदार तक गांव छोडकर गायब हो गए हैं। पुलिस और इंटेलीजेंस ने अंदेशा जताया है कि गांववालों का गुस्सा अभियुक्तों के घरों पर फूट सकता है। आशंकित होकर पुलिस-पीएसी गांववालों के साथ अभियुक्तों के घरों की भी पहरेदारी कर रही है। साहदतगंज कांड पर राजनीति गरमाती नजर आ रही है। एक ओर जहां मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के साथ सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने अफसरों को निष्पक्ष जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई का निर्देश दिया है। वहीं, विपक्ष के तेवर इस घटना को लेकर हमलावर हैं। आंवला सांसद धर्मेन्द्र कश्यप ने गुरूवार को दिल्ली से प्रदेश के डीजीपी को घटना के संबंध में चिटी भेजकर सभी दोषियों की जल्द गिफ्तारी की मांग की है। इधर, बदायूं में भाजपा, बसपा, कांग्रेस सब कानून व्यवस्था को लेकर प्रदेश सरकार पर निशाना साधने में लगी दिख रही हैं। समाजवादी पार्टी ने इस बीच कहा है कि दोषी चाहे कोई भी हो, कार्रवाई से नहीं बच पाएगा। पुलिस अफसरों की हालत ऎसी है कि सिपाहियों की संलिप्तता की वजह से जवाब देते नहीं बन रहा है।
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