Re: प्रश्नचिह्न
इस दुनिया में जो भी कुछ होता है उसके पीछे कोई न कोई कारण अवश्य होता है। वो कारण हमें समझ नहीं आता जल्दी से पर प्रत्येक कारण अपने आप में वाजिब होता है । ईश्वर है , निस्सन्देह है ...और ईश्वर सदैव हमारे भले के लिये ही कार्य कर रहे हैं । हमें समझ नहीं आता , कई बार हम शिकायत भी करते हैं कि क्यों हमें इतना दुख सहना पड रहा है , पर ईश्वर के द्वारा किये जाने वाले कार्य के पीछे एक उचित कारण छुपा होता है।
महाभारत की एक कहानी का उदाहरण देती हूँ । जब कुन्ती के द्वारा की गयी सेवा से खुश होकर दुर्वासा ऋषि ने उन्हें एक वरदान देने की इच्छा प्रकट की , कुन्ती के मना करने के बावजूद भी (क्योंकि कुन्ती स्वयम एक राजकुमारी थीं , और उनके पास किसी चीज की कमी न थी) ऋषि ने उन्हें ऐसा वरदान दिया जो उनके भविष्य में काम आ सके । उस वरदान में दिये गये मन्त्र के माध्यम से कुन्ती किसी भी देवता का आह्वाहन करके इच्छित फल प्राप्त कर सकती थीं। शुरुआत में कुन्ती को लगा कि ये वरदान उनके किस काम का क्योंकि एक राजकुमारी होने के नाते वो जो चहती थी , वो उन्हें सरलता से प्राप्त हो जाता था। पर कुन्ती नहीं जानती थीं कि उनका भविष्य क्या है? सोचिये अगर उनके पास वो वरदान ना होता तो क्या महाभारत सम्भव होती ??? पाण्डव ही ना होते....कुन्ती अपने भविष्य की विपत्ति से अन्जान थीं परन्तु भगवान अन्जान नहीं थे......भगवान सब जानते हैं । भगवान परेशानी बाद में देते हैं और उस परेशानी से बाहर आने का रास्ता पहले दिखाते हैं।
भगवान को पता है कि हमारे लिये क्या श्रेष्ठ है , हम बेवजह उन्हें दोष देते हैं , बेवजह शिकायतें करते हैं। भगवान हमारे लिये सर्वश्रेष्ठ करते हैं । हमें हमारी गलतियों की सजा भी देते हैं तो हमारे सत्कर्मों के लिये पुरुस्कृत भी करते हैं ।
किसी एक या दो घटनाओं से हमें भगवान के होने या ना होने पर , भगवान के सही या गलत निर्णय पर सवाल नहीं करने चहिये...बाकि मैं कर्म में विश्वास रखती हूँ , और कर्मों का फल तो सभी को भोगना ही होता है , फिर चाहे वो आम इन्सान हो या इन्सान का अवतार लेने वाले भगवान.... .
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It's Nice to be Important but It's more Important to be Nice
Last edited by Pavitra; 04-02-2015 at 10:36 PM.
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