स्टार वार की वापसी- अंतरिक्ष से जासूसी : अमरीकी अंतरिक्ष यान एक्स ३७
बोइंग एक्स ३७ अमरीकी मानवरहित अंतरिक्षयान है। यह अमरीकी वायु सेना द्वारा पृथ्वी की कक्षा मे पुनःप्रयोग किये जाने वाली तकनिको के प्रदर्शन मे उपयोग मे लाया गया है। इसकी लंबाई ८.९ मीटर है और इसमे पिछले हिस्से मे दो पंख लगे है।
अमरीका ने इस यान को गोपनिय रखा था लेकिन विश्व भर मे फैले शौकिया खगोल विज्ञानियो(Amateur Astronomers) ने इसे पृथ्वी की कक्षा मे देख लिया। शौकिया खगोल विज्ञानियो के अनुसार इस यान का लक्ष्य अंतरिक्ष से निगरानी तथा सैनिक सर्वेक्षण है। उनके अनुसार एक्स ३७बी
उत्तर कोरीया, अफगानीस्तान के उपर से गुजरा था तथा यह यान हर चार दिनो मे उसी स्थान से गुजरता है। इस यान की कक्षा ४१० किमी है जो कि
सैनिक सर्वेक्षण उपग्रहो की होती है।
एक्स ३७-अमरिकी मानव रहित अंतरिक्ष यान
पेंटागन के अनुसा एक्स ३७बी का उद्देश्य अंतरिक्ष हथियारो का निर्माण नही है।
एक्स ३७ का प्रारंभ नासा ने १९९९ मे किया था, २००४ मे इसे अमरीकी रक्षा विभाग को हस्तांतरित कर दिया गया। इसकी पहली परिक्षण उड़ान ७ अप्रैल २००६ को एडवर्ड वायु सैनीक अड्डे पर की गयी थी। इस यान की पहली कक्षा मे उड़ान २२ अप्रैल २०१० को एटलस ५ से हुयी थी। ३ दिसंबर २०१० को यह यान पृथ्वी पर वापिस आया। यह इस यान के उष्मारोधको तथा हायपर्सोनीक एअरोडायनामिक नियत्रंण की पहली जांच थी।
यान का निर्माण
१९९९ मे नासा ने बोइंग इन्टेग्रेटेड डीफेन्स सिस्टम को इस यान की अभिकल्पना और निर्माण (Design and Development) के लिये चुना। इस यान का निर्माण बोइंग की कैलीफोर्निया स्थित फैंटम वर्कस शाखा मे हुआ। अगले चार वर्ष के दौरान नासा ने इस कार्य पर $१०९ मीलीयन, अमरीकी वायुसेना ने $१६ मीलीयन तथा बोइंग ने $६७ मीलीयन खर्च कीये। २००२ के अंत मे नासा के अंतरिक्षयात्रा की नयी रूपरेखा के अंतर्गत बोइंग को $ ३०१ मीलीयन का ठेका दिया गया।
१३ सितंबर २००४ को ए़स ३७ को नासा से DARPA (Defense Advanced Research Projects Agency) को हस्तांरित कर दिया गया। इस यान को इसके बाद गोपनिय घोषित कर दिया गया। नासा के अंतरिक्ष यात्रा के कार्यक्रम यात्री अन्वेषण यान केन्द्रित होते है लेकिन DARPA ने एक्स ३७ को रक्षा विभाग के अंतर्गत नयी अंतरिक्ष निती के अनुसार विकसित किया। यह नयी अंतरिक्ष निती चैलेंजर दुर्घटना के बाद मे बनायी गयी थी।
एक्स ३७ को मूल रूप से अंतरिक्ष शटल द्वारा कक्षा मे स्थापित करने के लिये अभिकल्पित(Design) किया गया था। लेकिन बाद मे इस विधी को अतयंत खर्चीला पाये जाने पर इस यान को पुनः अभिकल्पित (Re-Design) कर डेल्टा४ या उसके जैसे राकेट के लिये बनाया गया। एक्स ३७ का वायुगतिकीय अभिकल्पन (Aerodynamic Design) अंतरिक्ष शटल से लिया गया है।
अंतरिक्ष सहायता मिशन के लक्ष्यो के अंतर्गत एक्स ३७ को इस तरह से बनाया गया है कि यह उपग्रहो मे इण्धन भर सकता है या उनके सौर पैनलो को बदल या मरम्मत कर सकता है। यह कार्य वह अपनी यांत्रिक भूजा से कर सकता है। इसके अतिरिक्त इसकी भारवाही क्षमता अंतरिक्ष नियंत्रण , अंतरिक्ष युद्ध, अतरिक्ष आक्रमण, अंतरिक्ष बचाव मे प्रयोग की जा सकती है।
ग्लाईड(glide) जांच
ग्लाईड जांच के लिये प्रयुक्त यान मे प्रणोदन प्रणाली(Propulsion System) नही थी। इसके मुख्य धड़ वाले हिस्से (Fuselage) को दूसरे यान से बांधे जाने लायक बनाया गया था। सितंबर २००४ मे इसकी ग्लाईड प्रणाली की जांच के लिये अत्यंत उंचाई पर उड़ान भरने वाला यान ’स्केलड कम्पोजीट व्हाइट नाईट’ को चुना गया।
२१ जुन २००५ को इस यान को व्हाईट नाईट ले निचे बांध कर मोजेव अण्तरिक्ष केन्द्र से उड़ाया गया। २००५ के अंत मे एक्स ३७ के ढांचे ने बदलाव कर अगला चक्का लगाया गया। इसकी पहली सार्वजनिक उड़ान १० मार्च २००६ को थी लेकिन आर्कटिक तुफान के कारण रद्द कर दी गयी। अगली उड़ान १५ मार्च २००६ को थी जो तेज हवाओ से रद्द हो गयी।
२४ मार्च २००६ को इस यान की उड़ान की गयी लेकिन डाटा लिंक के काम ना करने से व्हाईट नाईट से मुक्त होकर स्वतण्त्र उड़ान नही हो पायी और यह यान व्हाईट नाईट से बधा हुआ ही वापिस आ गया। ७ अप्रेल २००६ को एक्स ३७ ने व्हाईट नाईट से मुक्त हो कर स्वतन्त्र उड़ान की लेकिन उतरते समय यह उड़ान पट्टी से आगे चला गया और यान मे मामूली क्षति आ गयी।
जब यान की मरम्मत हो रही थी इस कार्यक्रम को मोजेव अंतरिक्ष से वायुसेना के केन्द्र ४२ मे स्थानांतरित कर दिया गया। व्हाईट नाईट मोजेव मे ही रहता था लेकिन उड़ान के समय उसे केन्द्र ४२ लाया जाता था। इसके पश्चात ५ जांच उड़ान और की गयी जिसमे से २ उड़ानो मे एक्स ३७ व्हाईट नाईट से मुक्त होकर ग्लाईट करते हुये सही तरह से उतर गया।
एक्स ३७ कक्षिय जांच यान
१७ नवंबर २००६ को अमरीकी वायु सेना ने घोषणा की कि वह नासा के एक्स ३७ ए से एक्स३७ बी बनायेगी। वायु सेना संस्करण को एक्स ३७ बी कक्षिय जांच यान (Orbital Test Vehicle) नाम दिया गया। यह कार्यक्रम DARPA, नासा तथा वायुसेना का संयुक्त उपक्रम था जिसने बोइंग मुख्य ठेकेदार था। एक्स ३७बी अपनी कक्षा मे २७० दिन तक रह सकता है।
पृथ्वी की कक्षा मे एक्स ३७ (चित्रकार की कल्पना)
एक्स ३७बी मूल कार्यक्रम के अनुसार अंतरिक्ष शटल से उड़ान भरने वाला था लेकिन कोलंबिया शटल दुर्घटना के पश्चात इस कार्यक्रम मे बदलाव कर उसे डेलटा २-७९२० के साथ उड़ान भरने योग्य निर्माण किया गया। बाद मे उसे एटलस ५ के लिये परिवर्तन किये गये।
एक्स ३७ पृथ्वी पर वापिसी के दौरान २५ मैक की गति के लिये बनाया गया है। इस यान मे उन्नत उष्णतारोधी आवरण,वैमानिकी उपकरण, स्वचालित निदेशन उपकरण तथा उन्नत एअरफ़्रेम लगा हुआ है। इस यान मे राकेट्डायन एआर२-३ इण्जन लगे है।
वन्डेनबर्ग वायुसैनिक अड्डे पर एक्स ३७
एक्स ३७बी की पहली उड़ान (यु एस ए २१२) एटलस ५ राकेट से केप केनावेरल वायुसेना केन्द्र से २२ अप्रैल २०१० २३:५८ जी एम टी पर हुयी। यान को निम्न पृथ्वी कक्षा(LEO -Low Earth Orbit) मे रखा गया।
वायु सेना ने इस उड़ान के बारे मे ज्यादा जानकारीयां नही दी क्योंकि यह कार्यक्रम गोपनिय है। लेकिन विश्व भर के शौकिया खगोल विज्ञानियो ने इस यान को कक्षा मे पहचान लिया और जानकारी पूरे विश्व भर मे वितरित कर दी। इन शौकिया खगोल विज्ञानियो ने बताया कि २२ मई २०१० को यह यान ३९.९९ डीग्री झुकाव पर था और हर ९० मिनिट मे पृथ्वी की ४०१ गुणा ४२२ किमी की कक्षा मे चक्कर लगा रहा है।
एक्स ३७बी ३ दिसंबर २०१० को १:१६ PST को वेंडनबर्ग वायुसेना अड्डे पर उतर गया। सुरक्षा की दृष्टि से एडवर्ड्स वायु सेना अडडा यान के उतरने के लिये अतिरिक्त व्यवस्था के रूप मे चुना गया था।
तकनिकी जानकारियां
यात्री : कोई नही
लंबाई : ८.९ मीटर
पंखो की चौडाई :४.५ मीटर
उंचाई : २.९ मीटर
कुल वजन : ४९९० किग्रा
उर्जा निर्माण क्रेन्द्र : १ राकेट इंजन
उर्जा : गैलीयम आर्सेनाईड सोलर सेल्स जिन्मे लीथियम आयन बैटरी लगी है।
पेलोड और पेलोड बे : २२७ किग्रा. २.१ x १.२ मी
कक्षा मे गति : २८२०० किमी/घंटा
कक्षा :LEO – निम्न पृथ्वी कक्षा
कक्षा मे समय : २७० दिनो तक