Re: सुखनवर (महान शायर व उनकी शायरी)
पंडित हरिचंद अख्तर
pandit harichand akhtar
पंडित हरिचंद अख्तर (या पंडित हरिचंद अख्तर होशियारपुरी) का जन्म पंजाब के होशियारपुर जिले में 15 अप्रेल 1901 में हुआ था. वे एक जानेमाने पत्रकार व उर्दू के कद्दावर शायर थे. उन्होंने ग़ज़ल के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया था. वे उर्दू, फ़ारसी और अंग्रेजी के विद्वान थे. उन्होंने काफी समय तक लाहौर में लाला करमचंद द्वारा स्थापित पत्रिका “पारस” में काम किया तथा बाद में कुछ समय पंजाब असेंबली में भी सेवारत रहे. 1947 में देश के विभाजन के पश्चात वे दिल्ली आ गये. यहीं पर 1958 में उनकी मृत्यु हुयी.
ग़ज़ल के क्षेत्र में उन्होंने परंपरागत शैली अपनायी. वे अपने आसपास की ज़िन्दगी से ही अपने विषय उठाते थे और अभिव्यक्ति की सादगी पर बहुत ध्यान देते थे. उनकी ग़ज़लों का संकलन “कुफ़्र-ओ-ईमां” बहुत लोकप्रिय हुआ था.
__________________
आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
|