Re: रहस्य रोमांच की कहानियाँ
एक राक्षसी [3]
“रक्सिन ला अपन तीर पहुँचत देख के खिरमिच हा चिचिया के कहिस के लान तो रे लान तो डण्डा ला, मारौं तरी के बण्डा ला।” (राक्षसिन को अपने पास पहुँचते देख कर खिरमिच ने चिल्ला कर कहा कि डण्डा लाओ, मैं नीचे की छोटी पूछं वाले को मारूँगा।”)
“हूँ।”
“एला सुन के सबले निच्चे के बघवा, जउन हा बण्डा रहिस, डेरा भागिस।” (“यह सुनकर सबसे नीचे का बाघ, जिसकी पूँछ छोटी थी, डर कर भागा।”)
“हूँ।”
“वोखर भागे ले जम्मो बघवा मन दन्नदन्न गिर गे अउ उप्पर ले गिर के रक्सिन हा मर गे।” (“उसके भागने से सारे बाघ नीचे गिर गए और इतनी ऊँचाई से गिरने के कारण राक्षसिन मर गई।”)
“हूँ।”
“खिरमिच हा खुशी खुशी घर आ गे।” (“खिरमिच खुशी के साथ अपने घर आ गई)
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
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