Re: रहस्य रोमांच की कहानियाँ
अभिशप्त हवेली (एक अंश)
ब्रॉम स्टोकर
पुस्तक का मुख्य पात्र अपने दिवंगत बेटे की अंतिम इच्छा पूरी करने के लिए अपने पूर्वजो की विरासत अभिशप्त माने जाने वाले एस्क्हाम महल की मरम्मत कराता है । इटली का पुरातत्वविद विक्टर विसानियो उसे बताता है की एस्क्हाम महल कभी रोमन कबीले का मंदिर था और वे लोग उसके तहखाने में नरभक्षी चूहों को पालते थेऔर मानव रक्त और मांस की बलि देते थे । विसानियो लेखक को एस्क्हाम में न रहने की सलाह देता है क्योकि उसे उस महल में शैतानी आत्माओ के होने का अहसास होता है, पर लेखक विसानियो की बात टाल जाता है।
जब एस्कहाम की मरम्मत का काम पूरा हो गया तो 16 जुलाई 1923 को मैं उसमें रहने के लिए आ गया । मैं अमेरिका का अपना सारा कारोबार समेटकर इंग्लैंड में सदा के लिए बसने का मन बना चुकाथा ।
मैंने जब एस्कहाम में रहने के लिए कदम रखा, तो मेरे साथ सात नौकर और नौ बिल्लिया भी थीं, जो मेरी पालतू थी । सारी की सारी बिल्लियां वेहद खूबसूरत और समझदार थी । मुझको कुत्तों के बजाय बिल्लियाँ पालने का शौक था । पालतू बिल्लियों में एक काले रंग वाली बिल्ली मेरी सबसे अधिक मुंहलगी थी । वह हमेशा मेंरे साथ रहती भी और मेरे पास ही बिस्तर पर सोती थी । इस काली बिल्ली को मै ‘क्वीन’ कहकर बुलाता था । उसकी शाही चाल भी उसके नाम के अनुरूप ही थी ।
एस्क्हाम में मेरे चार-पांच दिन तो बड़े आराम से बीते, कोई अशुभ घटना नहीं घटी । इन चार-पांच दिनों में मैंने अपने दिवंगत पुत्र अल्फ्रेड को कितनी बार याद किया, मैं बता नहीं सकता । फिर अचानक रहस्यमयी, विचित्र और भयानक घटनाओ का सिलसिला शुरू हो गया । मेरी पालतू बिल्लियों का व्यवहार बदल गया और वे व्याकुल होकर कुछ सूंघती, ढूंढती सारे एस्क्हाम महल में चक्कर काटती और मुंह से गुर्राहट जैसी आवाज निकालकर दीबारों पर जगह-जगह अपने पंजे मारने लगी ।
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
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