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Old 30-05-2016, 09:41 PM   #1
soni pushpa
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Default दो वर्ष... माय हिंदी फोरम पर

आज हिंदी फोरम पर आये मुझे पुरे दो साल हो गए साथ ही एक हजार पोस्ट पुरे होने को हैं(जिसमे से कुछ मेरे खुद के लिखे सूत्र हैं तो कुछ इंटरनेट के माध्यम से लिखे हैं मैंने ) तब आज मन में विचार आ गया की ये वक़्त कितना जल्दी बीत गया न .यहाँ आने के बाद मुझे बहुत ही प्यारी सी दोस्त पवित्रा, और शिखा जी मिली , बड़े भाई , मेरे मार्गदर्शक , सम्मानीय , माननीय भाई रजनीश जी से मैंने बहुत कुछ सिखा उन्होंने हमेशा मुझे साथ दिया मेरी भूलों को सुधार एडिट करके , कभी हमने मिलकर खट्टी मीठी बहस की बहुत अच्छा लगा यहाँ आकर बहुत कुछ पाया है मैंने .. रफ़ीक भाई ने मुझे हिंदी लिखना सिखलाया ये कैसे भूल सकती हूँ मैं .

रास्तों की तरह होती हैं यहाँ की जिंदगी जिसमे कई लोग निकलते हैं साइट्स पर आते हैं और चले भी जाते हैं , कुछ दिनों के लिए सब बहस करते हैं., बातें करते हैं कुछ लिखते हैं कुछ लोग आकर सिर्फ पढ़ते हैं और चले जाते हैं फिर भी जो जो लोग लिखते हैं वो सब आये बिना रह नहीं सकते यहाँ क्यूंकि इंसानों की तरह साइट्स से भी इनका रिश्ता जुड़ सा जाता है और जिंदगी के समय में से वो लोग कुछ न कुछ समय जरुर निकालते हैं और और अपनी अपनी यादें यहाँ छोड़ जाते हैं जैसे की यहीं मैंने कई लेखकों के लिखे सूत्र पढ़े जो की बेहद उपयोगी हैं और पढ़ने वालों के ज्ञान में वृध्धि करते हैं कई लोग इनसे प्रेरणा लेते हैं और अपने जीवन में आगे बढ़ते हैं .मैं एइसे सभी लेखकों से प्रार्थना करुँगी की वें वापस आयें और अपने लेखों के द्वारा हम सबका ज्ञानवर्धन करें .

ये सर्व विदित है की साहित्य समाज का दर्पण है ही, साहित्य के माध्यम से और लेखकों के माध्यम से ही देशों की आज़ादी की बाते लोगों तक पहुंचाई गई थी और कई देश इन लेखकों की प्रभावशाली रचनाओं की वजह से ही आज़ाद हुए हैं क्यूंकि कलम में बड़ी ताकत होती है जो की कलम का स्थान आज टाइपिंग ने ले लिया है


आज के समय की बात कहूँगी नेट एक बेहद ही आसन जरिया है आपकी बातें ,आपके विचार लोगो तक पहुचाने का , इससे जो लोग अनपढ़ थे वो भी अब बहुत कुछ सिख गए हैं अब उनकी रूचि भी पढ़ने लिखने में बढ़ गई है अब थोड़ी टाइपिंग यदि सिख ली तो watsup से हुई शुरुवात साइट्स पर निबंध लिखने तक पहुँच जाती है ..

आज के युग में इंटरनेट के जितने फायदे हैं उनका ही यदि उपयोग हो तो मानव समाज का कल्याण हो जाये बशर्ते की इन्टरनेट का सही उपयोग हो .

मैं अपने उन सभी पाठकों का धन्यवाद कहना चाहूंगी जिन्होंने मेरी रचनाएँ पढ़ी और सराही और मुझे आगे लिखने के लिए प्रेरित किया और सबसे एक निवेदन यह भी करना चाहूंगी की सब यहाँ आयें अपने अपने विचार रखें और पहले की तरह ही इस साईट को आगे बढ़ाएं ..

Last edited by soni pushpa; 02-06-2016 at 11:47 AM.
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