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रेल माल भाड़े पर सेवा कर एक जुलाई से
नई दिल्ली। सेवा कर लगने के कारण एक जुलाई से रेल माल भाड़ा लगभग 3.6 प्रतिशत बढ़ जाएगा। रेलवे ने अपने पार्सल किराये में हाल ही में 25 प्रतिशत वृद्धि की है। केंद्रीय उत्पाद कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीईसी) के चेयरमैन एसके गोयल ने एसोचैम के एक कार्यक्रम के अवसर पर संवाददाताओं को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सरकार ने रेलवे से भेजे जाने वाले सामान पर 30 जून 2012 तक सेवा कर छूट दी थी। एक जुलाई से रेलवे के जरिए सामान की ढुलाई भी सेवा कर के दायरे में आ जाएगी। क्या रेलवे ने सेवा कर में छूट के लिए राजस्व विभाग से संपर्क किया है यह पूछने पर उनका जवाब नकारात्मक रहा। संसद में बजट पेश किए जाने से पहले रेलवे ने कुल माल भाड़े में 20 प्रतिशत की वृद्धि की थी। इसी महीने रेलवे ने पार्सल व लगेज शुल्क दर में 25 प्रतिशत की वृद्धि की। रेलवे के जरिए अनाज व सब्जियों के अलावा स्टील, कच्चा तेल, कोयला व उर्वरक भी भेजा जाता है। उद्योग जगत को आशंका है कि माल भाड़ा बढने से मुद्रास्फीति दबाव बढ सकता है। गोयल ने हालांकि कहा कि माल भाड़े पर सेवा कर से कीमतों पर मामूली असर होगा क्योंकि रेलवे को सकल माल भाड़ा शुल्क पर 70 प्रतिशत छूट (अबेटमेंट) मिलती है। 70 प्रतिशत छूट:कटौती का मतलब हुआ कि प्रभावी सेवा शुल्क 12.3 प्रतिशत (शिक्षा उपकर सहित) के बजाय केवल लगभग 3.6 प्रतिशत ही होगा। सरकार ने 2009-10 के बजट में रेलवे से माल ढुलाई पर सेवा कर लगाने का प्रस्ताव किया था हालांकि इसका कार्यान्वयन नहीं किया जा सका।
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दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु
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