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तेंदुलकर को अपने जाल में फंसा सकता है लियोन : मैलेट
कैनबरा ! दिग्गज बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने भले ही पिछले 25 साल से क्रिकेट के सभी तरह के प्रारूप में 47,000 से अधिक रन बनाये हैं और 138 शतक जड़े हैं लेकिन आस्ट्रेलिया के पूर्व क्रिकेटरों का मानना है कि 26 दिसंबर से शुरू हो रही चार मैचों की श्रृंखला में अब तक केवल सात टेस्ट मैच खेलने वाला आफ स्पिनर नाथन लियोन उन्हें अपने जाल में फंसा सकता है।
आस्ट्रेलिया ने हमेशा की तरह श्रृंखला से पहले मनोवैज्ञानिक खेल खेलने की अपनी आदत नहीं छोड़ी है। उसके पूर्व आफ स्पिनर एशले मैलेट का मानना है कि लियोन दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज को परेशानी में डाल सकता है।
मैलेट ने कहा, ‘‘यह नाथन लियोन के लिये बहुत अहम टेस्ट मैच है लेकिन मैं समझता हूं कि एक अच्छे लेग स्पिनर की तुलना में अच्छा आफ स्पिनर तेंदुलकर को अधिक परेशान कर सकता है। ऐसा लगता है कि वह उस गेंद को अच्छी तरह से खेलते हैं जो उनको छोड़कर जा रही हो बजाय उस गेंद के जो उनकी तरफ आ रही हो।’’
आंकड़े हालांकि पूरी तरह से मैलेट का पक्ष नहीं लेते। श्रीलंका के दिग्गज आफ स्पिनर मुथैया मुरलीधरन ने सर्वाधिक आठ बार तेंदुलकर को आउट किया था लेकिन उनके रहते हुए भारतीय बल्लेबाज ने श्रीलंका के खिलाफ 60 की औसत से रन बनाये। जिसका मतलब है कि मुरलीधरन को अपने विकेट के लिये काफी रन लुटाने पड़े थे। मुरलीधरन के अलावा तेंदुलकर को उनके कैरियर में कुछ आफ स्पिनर ही आउट कर पाये हैं। सकलैन मुश्ताक ने उन्हें तीन जबकि इंग्लैंड के ग्रीम स्वान ने दो मैच में आउट किया है।
दक्षिण अफ्रीका के पैट सिमकाक्स जो स्वयं दो बार तेंदुलकर को आउट कर चुके हैं, ने अपने अनुभव के आधार पर कहा कि उनके समय में भी टीमें इस भारतीय बल्लेबाज को आउट करने के लिये जाल बुनती थी लेकिन वे उन्हें रन बनाने से रोकने का तरीका नहीं ढूंढ पायी।
सिमकाक्स ने कहा, ‘‘यह स्वाभाविक था कि टेस्ट मैच से पहले रात की बैठक में वह चर्चा का मुख्य विषय होता था लेकिन जब वह अच्छा खेल रहा हो तब आप कुछ खास नहीं कर सकते। ऐसा नहीं है कि वह आफ स्टंप के बाहर कमजोर हो, वह हर क्षेत्र में मजबूत है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘आप केवल इतनी उम्मीद कर सकते हो कि वह कोई गलती करे और आपको उसका विकेट मिल जाए। उसे आउट करना हमेशा मुश्किल रहा है और ऐसा लगता था कि उसका बल्ला कुछ ज्यादा ही चौड़ा है।’’
सिमकाक्स ने कहा, ‘‘एक चीज जो उसे सबसे अलग बनाती है, वह यह कि पिछले कई वर्षों से उनके हर पहलू का गहरायी से विश्लेषण हुआ है और तब भी वह ढेरों रन बना रहा है।’’ लियोन तब दो साल का था जब तेंदुलकर ने 1989 में पाकिस्तान के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया था।
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दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु
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